विश्व महिला दिवस
बाबा साहेब डॉ अम्बेडकर कहते थे मैँ किसी भी समाज की तरक्की उस समाज की महिलाओं द्वारा की गई तरक़्क़ी से आंकता हूँ। मुंबई में एकबार महिला सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि नारी राष्ट्र निर्मात्री है। नागरिक उसकी गोद मे पलकर ही बढ़ा होता है। नारी को जागृत किये बिना राष्ट्र का विकास सम्भव नहीं है। महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने ही सर्वप्रथम सबसे बड़ी भूमिका भी निभाई।
सविंधान द्वारा महिलाओं को वह सारे अधिकार दिए गए जो मनुस्मृति ने नकारे थे। हिन्दू धर्मशास्त्रों में महिलाओं का स्थान और नियम-कानून महिलाओं के हक में नहीं हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार स्त्री धन , विद्या और शक्ति की देवी हैं। मनु संहिता के तीसरे अध्याय के छप्पनवें श्लोक में जहां लिखा है:- ‘‘जहाॅं नारी की पूजा होती है वहां देवता रमण करते हैं।’’ वहीं दूसरी ओर पांचवे अध्याय के 155 वें श्लोक में लिखा है:-‘‘स्त्री का न तो अलग यज्ञ होता है न व्रत होता है, न उपवास।
ऋग्वेद में पुत्री के जन्म को दुःख की खान और पुत्र को आकाश का ज्योति माना गया है। ऋग्वेद में ही नारी को मनोरंजनकारी भोग्या रूप का वर्णन है तथा नियोग प्रथा को पवित्र कर्म माना गया है। अथर्ववेद में कहा गया है कि दुनियां की सब महिलाएं शूद्र है जबकि भगवत गीता में महिलाओं और शूद्रों को पापयोनि से जन्मा माना गया है जिन्हें द्विज नहीं माना गया। हिन्दु धर्म शास्त्रों में नारी की स्थिति को लेकर काफी विराधाभास है।
इस्लाम में भी महिलाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कुरानशरीफ के आयत ( 1-4-11 ) में संपति से संदर्भित मामले में स्पष्ट लिखा है कि ‘‘ एक मर्द के हिस्सा बराबर है दो औरत का हिस्सा ।’’ मुस्लिम महिलाओं की स्थिति भी भारत की अन्य महिलाओं के समकक्ष ही है। भारत मे महिलाओ की आज भी बहुत दयनीय अवस्था है। डा. अंबेडकर का मानना था कि सही मायने में प्रजातंत्र तब आयेगा जब महिलाओं को पैतृक संपत्ति में बराबरी का हिस्सा मिलेगा और उन्हें पुरूषों के समान अधिकार दिए जाएंगे।
डा. अंबेडकर का दृढ. विश्वास था कि महिलाओं की उन्नति तभी संभव होगी जब उन्हें घर परिवार और समाज में सामाजिक बराबरी का दर्जा मिलेगा। आज महिलाएं हर दिशा में तरक्की कर रही है। उन्हें समान अवसर मिल रहे हैं मगर यह भी सत्य है कि उनका समान प्रतिनिधित्व अभी भी नहीं बन सका। महिलाओं को समान अवसर मिलने जरूरी है उसी दिन सही मायने में महिलाओं का सम्मान होगा। उन्हें खूब पढ़ाओ, आगे बढ़ाओ। कोख से बच जाएंगी तो शिक्षित नारी दहेज से भी बच जाएंगी तथा कई महिलाओं की भांति इतिहास भी बनाएंगी। सभी महिलाओं को विश्व महिला दिवस की कोटि कोटि बधाई।
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